यूँ ही ...

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Film - Tanu Weds Manu (2011)
Lyrics - Rajshekhar
Singer(s) - Mohit Chauhan
Music Director : Krsna
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कितने दफे दिल ने कहा
दिल की सुनी कितने दफे
वैसे तो तेरी ना में ही मैंने ढूंढ़ ली अपनी ख़ुशी
तू जो गर हाँ कहे, तो बात होगी और ही
दिल ही रखने को कभी,
ऊपर ऊपर से सही
कह दे न हाँ,
कह दे न हाँ यूँ ही

कितने दफे हैराँ हुआ, मैं ये सोचके,
उठती है इबादत की खुशबुएँ क्यूँ मेरे इश्क से,
जैसे ही मेरे होंठ ये छू लेते है तेरे नाम को,
लगे के सजदा किया, कहके तुझे शबद के बोल दों,
ये खुदाई छोडके,
फिर आजा तू ज़मीं पे,
और जा न कहीं,
तू साथ रह जा मेरे,
कितने दफे दिल ने कहा,
दिल की सुनी कितने दफे

कितने दफे मुझको लगा, तेरे साथ उड़ते हुए,
आसमानी दुकानों से ढूँढके पिघला दूँ मैं चाँद ये
तुम्हारे इन कानों में पहना भी दूँ बूंदे बना
फिर ये मैं सोच लूँ समझेगी तू जो दिल न कह सका
पर मैं डरता हूँ अभी
न ये पूछे तू कहीं
क्यूँ लाये हो ये,
क्यूँ लाये हो ये यूँ ही
कितने दफे दिल ने कहा,
दिल की सुनी कितने दफे

तेरे उतारे हुए दिन ...

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Film - Das Kahaniyaan (2007)
Poetry - Gulzar
Recital - Nana Patekar
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तेरे उतारे हुए दिन
टंगे हैं lawn में अब तक
न वो पुराने हुए हैं
न उन का रंग उतरा…
कहीं से कोई भी सीवन अभी नहीं उधड़ी
इलाइची के बहुत पास रखे पत्थर पर
ज़रा सी जल्दी सरक आया करती है छाँव
ज़रा सा और घना हो गया है वो पौधा
मैं थोड़ा थोड़ा वो गमला हटाता रहता हूँ
फकीरा अब भी वहीं मेरी coffee देता है
गिलेरिओं को बुला कर खिलाता हूँ biscuit
गिलेरियाँ मुझे शक की नज़र से देखती हैं
वो तेरे हाथों का मस जानती होंगी….
कभी कभी जब उतरती है chill शाम की छत से
थकी थकी सी ज़रा देर lawn में रुक कर
सफेद और गुलाबी मुसुन्ढ़े के पौधों में घुलने लगती है
के जैसे बर्फ का टुकरा पिघलता जाये whisky में
मैं scarf दिन का गले से उतार देता हूँ
तेरे उतारे हुए दिन पहन के अब भी मैं
तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ

तेरे उतारे हुए दिन
टंगे हैं lawn में अब तक
वो पुराने हुए हैं
उन का रंग उतरा
कहीं से कोई भी सीवन अभी नहीं उधड़ी

आया है मुझे फिर ...

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Film - Devar (1966)
Lyrics - Anand Bakshi
Singer(s) - Mukesh
Music Director : Roshan
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आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम
गुज़ारा ज़माना बचपन का
हाय रे अकेले छोड़ के जाना
और न आना बचपन का
आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम

वो खेल, वो साथी , वो झूले
वो दौड़ के कहना आ छू ले
वो खेल, वो साथी , वो झूले
वो दौड़ के कहना आ छू ले
हम आज तलक भी न भूले
हम आज तलक भी न भूले
वो ख्वाब सुहाना बचपन का
आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम

इसकी सब को पहचान नहीं
इसकी सब को पहचान नहीं
यह दो दिन का मेहमान नहीं
यह दो दिन का मेहमान नहीं
मुश्किल है बहुत आसान नहीं
मुश्किल है बहुत आसान नहीं
यह प्यार भुलाना बचपन का
आया है मुझे याद वो ज़ालिम

मिलकर रोये, फ़रियाद करे
उन बीते दिनों की याद करे
मिलकर रोये, फ़रियाद करे
उन बीते दिनों की याद करे
ऐ काश कहीं मिल जाए कोई
ऐ काश कहीं मिल जाए कोई
यूँ मीत पुराना बचपन का
आया है मुझे याद वो ज़ालिम
गुज़ारा ज़माना बचपन का
हाय रे अकेले छोड़ के जाना
और न आना बचपन का

अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ ...

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Film - Ishqiya (2010)
Lyrics - Gulzar
Singer(s) - Rekha Bhardwaj
Music Director : Vishal Bhardwaj
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अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ
वो जो बहते थे आबशार कहाँ

अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ
वो जो बहते थे आबशार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ

वो जो बहते थे आबशार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ

आँख के इक गाँव में
रात को ख्वाब आते थे
आँख के इक गाँव में
रात को ख्वाब आते थे
छूने से बहते थे,
बोले तो कहते थे
उड़ते ख़्वाबों का ऐतबार कहाँ
उड़ते ख़्वाबों का ऐतबार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ

जिन दिनों आप थे
आँख में धूप थी
जिन दिनों आप रहते थे
आँख में धूप रहती थी
अब तो जाले ही जाले हैं
यह भी जाने ही वाले हैं
वो जो था दर्द का करार कहाँ
वो जो था दर्द का करार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ
वो जो बहते थे आबशार कहाँ
अब मुझे कोई इंतज़ार कहाँ

और फिर यूँ हुआ ...

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Film - Striker (2010)
Lyrics - Gulzar
Singer(s) - Vishal Bhardwaj
Music Director : Vishal Bhardwaj
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और फिर यूँ हुआ, रात एक ख्वाब ने जगा दिया
और फिर यूँ हुआ, रात एक ख्वाब ने जगा दिया
फिर यूँ हुआ चाँद की वो डली घुल गयी
और यूँ हुआ, ख्वाब की वो लड़ी खुल गयी
चलती रही बेनूरियां, चलते रहे अंधेरों की रौशनी के तले
फिर नहीं सो सके, एक सदी के लिए हम दिलजले
फिर नहीं सो सके, एक सदी के लिए हम दिलजले

और फिर यूँ हुआ, सुबह की धूल ने उड़ा दिया
और फिर यूँ हुआ, सुबह की धूल ने उड़ा दिया
फिर यूँ हुआ, चेहरे के नक्श सब धुल गए
और यूँ हुआ, गर्द थे गर्द में रुल गए
तन्हाईयाँ ओढ़े हुए, गलते रहे भीगे हुए आँसुओं से गले
फिर नहीं सो सके, एक सदी के लिए हम दिलजले
एक सदी के लिए हम दिलजले

दिल तो बच्चा है जी ...

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Film - Ishqiya (2010)
Lyrics - Gulzar
Singer(s) - Rahat Fateh Ali Khan
Music Director : Vishal Bhardwaj
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ऐसी उलझी नज़र उनसे हटती नहीं
दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं
उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी
कारी बदरी जवानी की छटती नहीं
वल्ला ये धड़कन, बढ़ने लगी है
चेहरे की रंगत उड़ने लगी है
डर लगता है तनहा सोने में जी
दिल तो बच्चा है जी
दिल तो बच्चा है जी
थोडा कच्चा है जी
हाँ दिल तो बच्चा है जी
ऐसी उलझी नज़र उनसे हटती नहीं
दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं
उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी
कारी बदरी जवानी की छटती नहीं
रा रा रा ..

किसको पता था पहलू में रक्खा
दिल ऐसा पाजी भी होगा
हम तो हमेशा समझते थे कोई
हम जैसा हाजी ही होगा
आये जोर करे, कितना शोर करे
बेवजा बातों पे ऐंवे गौर करें
दिल सा कोई कमीना नहीं
कोई तो रोके, कोई तो टोके
इस उम्र में अब खाओगे धोखे
डर लगता है इश्क करने में जी
दिल तो बच्चा है जी
दिल तो बच्चा है जी
थोडा कच्चा है जी
हाँ दिल तो बच्चा है जी

ऐसी उदासी बैठी है दिल पे
हसने से घबरा रहे हैं
साड़ी जवानी कतरा के काटी
पीरी में टकरा गए हैं
दिल धड़कता है तो ऐसे लगता है वो
आ रहा है यहीं देखता ही न हो
प्रेम की मारे कटार रे
तौबा ये लम्हें कटते नहीं क्यूँ
आँखें से मेरी हटते नहीं क्यूँ
डर लगता है मुझसे कहने में जी
दिल तो बच्चा है जी
दिल तो बच्चा है जी
थोडा कच्चा है जी
हाँ दिल तो बच्चा है जी

तू जाने न ...

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Film - Ajab Prem Ki Gajab Kahani (2009)
Lyrics - Irshad Kamil
Singer(s) - Atif Aslam
Music Director : Pritam
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कैसे बतायें
क्यूँ तुझको चाहें
यारा बता न पायें
बातें दिलों की
देखो जो बाकी
आके तुझे समझायें
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न

मिलके भी, हम न मिले
तुमसे न जाने क्यूँ, मीलों के
हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ
अनजाने हैं सिलसिले
तुमसे न जाने क्यूँ, सपने हैं
पलकों तले तुमसे न जाने क्यूँ

कैसे बतायें
क्यूँ तुझको चाहें
यारा बता न पायें
बातें दिलों की
देखो जो बाकी
आके तुझे समझायें
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न

आ ...
निगाहों में देखो
मेरी जो है बस गया
वो है मिलता तुमसे हू-ब-हू
ओ हो ओ
जाने तेरी आँखें थी
या बातें थी वजह
हुए तुम जो दिल की आरजू
तुम पास हो के भी
तुम आस हो के भी
एहसास हो के भी
अपने नहीं, ऐसे हैं
हमको गिले
तुमसे न जाने क्यूँ, मीलों के
हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ ऊ ऊ ऊ ...
तू जाने न आ आ आ
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ
तू जाने न

ऊ ... जाने न जाने न जाने न
हा आ आ... तू जाने न
ख्यालों में लाखों बातें,
यूँ तो कह गया
बोला कुछ न तेरे सामने
ओ ओ ओ... हुए न बेगाने भी
तुम होके और के
देखो तुम न मेरे ही बने
आफसोस होता है, दिल भी ये रोता है
सपने संजोता है, पगला हुआ, सोचे ये
हम थे मिले तुमसे न जाने क्यूँ
मीलों के, हैं फासले तुमसे न जाने क्यूँ
अनजाने, है सिलसिले
तुमसे न जाने क्यूँ, सपने हैं
पलकों तले तुमसे न जाने क्यूँ
हो ओ ओ ओ ...

कैसे बतायें
क्यूँ तुझको चाहें
यारा बता न पायें
बातें दिलों की
देखो जो बाकी
आके तुझे समझायें
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न
तू जाने न आ आ आ ...
तू जाने न

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