आज कल पाँव ...

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Film - Ghar (1978)
Lyrics - Gulzar
Singer(s) - Lata Mangeshkar
Music Director : R.D. Burman
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आज कल पाँव जमीन पर नहीं पड़ते मेरे
बोलो देखा हैं कभी, तुमने मुझे उड़ते हुए

जब भी थामा हैं तेरा हाथ तो देखा है
लोग कहते हैं की, बस हाथ की रेखा है
हम ने देखा है यूँ तकदीरों को जुड़ते हुए

नींद सी रहती है, हलका सा नशा रहता है
रात दिन आखों में, एक चेहरा बसा रहता है
पर लगी आखों को देखा है कभी उड़ते हुए

जाने क्या होता है, हर बात पे कुछ होता है
दिन में कुछ होता है, और रात में कुछ होता है
थाम लेना जो कभी देखो हमे उड़ते हुए

2 comments:

रचना गौड़ ’भारती’ said...

ब्लोगिंग जगत मे आपका स्वागत है
सुंदर रचना के लिए शुभकामनाएं
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

दिलीप वाघमारे said...

Very nice BLOG

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